सरस्वती शिशु मंदिर में आयोजित समर डे सेलिब्रेसन में झूम उठे नन्हें बच्चें, निर्णायक का मन मोहा
सरस्वती शिशु मंदिर में आयोजित समर डे सेलिब्रेसन में झूम उठे नन्हें बच्चें… निर्णायक का मन मोहा…
मुंगेर/कोशी एक्सप्रेस/ सरस्वती शिशु मंदिर, मुंगेर पथ, जमालपुर के प्रांगण में मंगलवार को‘समर डे सेलिब्रेसन’ का आयोजन कक्षा अरुण से कक्षा द्वितीय के भैया/बहनों के लिये किया गया । जिसमें कक्षा सह अलग-अलग टॉपिक्स पर भैया बहनो को वेष धारण कर कुछ पंक्तियाँ निर्णायक के सामने प्रस्तुत करनी थी । जिसमें कक्षा अरुण से प्रथम भैया हर्ष राज, द्वितीय बहन अनंत्या रही, कक्षा उदय से प्रथम बहन स्नेहा तथा द्वितीय बहन दर्शिका रही, कक्षा प्रभात से प्रथम बहन समरिद्धि एव द्वितीय भैया अभिराज रहे, कक्षा प्रथम से भैया समर्थ एवं द्वितीय बहन शिवन्या रही, कक्षा द्वितीय से प्रथम बहन भूमी एव द्वितीय बहन योशिता एवं भैया ओम्कार रहे ।
कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय प्रबंधकारणि समिति के सचिव माननीय सुधीर सिंह, अध्यक्ष माननीय रतन घोष, सरस्वती विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य शैलेंद्र सिंह, प्रधानाचार्या ऋचा कुमारी, निर्णायक पूनम दास एवं कृति कमल ने एकल रूप से दीप प्रज्वलन कर किया । पूनम दीदीजी ने कहा की इस कार्यक्रम के आयोजन से भैया/बहनों में खुद को प्रस्तुत करने की कला का विकास हुआ है । जमालपुर और मुंगेर में ऐसा कार्यक्रम इस सत्र में अब तक नही हुआ । परंतु नवीन प्रधानाचार्या की ये अनुठी पहल सराहनीय है । कृति कमल दीदीजी ने कहा की मुझे लग रहा था कि ये बच्चें अपने टॉपिक्स से जुडे हुए है । उनकी प्रस्तुति मन को अह्लादित कर गई । प्रधानाचार्य शैलेंद्र कुमार सिंह ने कहा की ऐसे ही कार्यक्रम बच्चों के मानसिक विकास में सहायक होते है । आज बच्चों की उर्जा देखकर उनके मनोमय कोश का विकास देखकर आशा करता हूँ की ये बच्चें भविष्य में अपना प्रभाव अवश्य छोडेंगे । माननीय रतन घोष ने बच्चों के साथ बच्चा बनकर उन्हें खूब आनंदित किया । माननीय सुधीर सिंह ने कहा की यही बच्चें भविष्य में विद्यालय एवं अपने माता-पिता का नाम रौशन करेंगे । प्रधानाचार्या ऋचा कुमारी ने कहा की आज का कार्यक्रम सफल बनाने में भैया/बहन के साथ-साथ अभिभावकों का भी महत्वपूर्ण योगदान हैं । उनकी मेहनत और भैया/बहनों के प्रयास से ही आज ‘समर डे सेलिब्रसन’ कार्यक्रम सफल हुआ हैं । मंच संचालन आचार्य आलोक कुमार ने किया । इस कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय परिवार की अहम भूमिका रही ।
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