पीड़ित पत्रकार चंदन ने अपनी जान माल की सुरक्षा के लिए DM व SP से लगाई गुहार… किसी भी समय हत्या की आशंका से भयभीत परिजन…

पीड़ित पत्रकार चंदन ने अपनी जान माल की सुरक्षा के लिए DM व SP से लगाई गुहार… किसी भी समय हत्या की आशंका से भयभीत परिजन…पीड़ित पत्रकार चंदन ने अपनी जान माल की सुरक्षा के लिए DM व SP से लगाई गुहार... किसी भी समय हत्या की आशंका से भयभीत परिजन...

खगड़िया/ कोशी एक्सप्रेस/प्राप्त सूचनानुसार महेशखूंट निवासी पत्रकार चंदन कुमार बादशाह ने खगड़िया जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष एवं पुलिस कप्तान अमितेश कुमार को आवेदन देकर जान‌ माल की सुरक्षा का गुहार लगाया है । पीड़ित पत्रकार चंदन ने अपनी जान माल की सुरक्षा के लिए DM व SP से लगाई गुहार... किसी भी समय हत्या की आशंका से भयभीत परिजन...उक्त आवेदन में पीड़ित पत्रकार ने लिखा है कि उन्हें और उनके परिवार को जान माल का खतरा है । उन्होंने बताया है कि लगातार उनपर अपराधियों द्वारा धमकाया जा रहा है ,केस उठाने की धमकी दी जा रही है, नहीं तो‌ बुरे परिणाम भुगतने को तैयार रहने‌ की नसीहत दिया जा रहा है । विदित हो कि पत्रकार चंदन कुमार को अपराधियों ने साज़िश के तहत बीते 24 अगस्त 2021 को हत्या की नियत से अपहरण कर लिया था । अपराधियों ने उनके पैर के नाखून भी उखाड़ लिया था काफी खोजबीन के बाद अधमरे अवस्था में बरामदगी हुई । चंदन कुमार बादशाह ने ‌कहा सदर अस्पताल खगड़िया से बेहतर इलाज के लिए मायागंज अस्पताल भागलपुर रेफर करने के दौरान साज़िश के तहत एम्बुलेंस को सड़क दुघर्टना ग्रस्त करा कर उनकी हत्या की भी कोशिश की गई थी। जिसमें ‌उनके साथ जा रहे भाई भी गंभीर रूप से घायल हुए तथा एक स्वास्थ्य कर्मी का घटना स्थल पर ही मौत हो गया था । इस एम्बुलेंस सड़क दुघर्टना एवं पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग किया गया है । चंदन कुमार अपने आवेदन में उच्च पदाधिकारी से तत्कालीन निलंबित थानाध्यक्ष महेशखुंट एवं अन्य को साज़िशकर्ता करार देते हुए आरोपी बनाए जाने की मांग किया एवं चंदन ने आशंका जाहिर करते हुए कहा इस मामले से जुड़े व्यक्ति कभी भी उनकी हत्या करवा सकते हैं या कभी भी फर्जी मुकदमें में फंसा सकते हैं । वे तथा उनके परिवार भय के साये में जी रहे हैं खुलकर कहीं जा नहीं पाते हैं ,उनका सारा व्यवसाय बंद हो चुका है अर्थात उनके परिवार में भूखमरी जैसी की स्थिति उत्पन्न हो गई है ।
इससे पूर्व आवेदन मुख्यमंत्री, पुलिस महानिदेशक, आईजी, डीआईजी, राज्यपाल, मानवाधिकार आयोग, उपमुख्यमंत्री बिहार से लेकर ‌नेता प्रतिपक्ष को दें चुके हैं ।

नोटं- प्रसारित समाचार की  जिम्मेवारी प्रेस की नहीं है तथा विज्ञापनों की प्रामाणिकता से  प्रेस का कोई सबंध नहीं है – संपादक

 

 

 

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