
शिक्षक नेता मनीष कुमार सिंह को मिली जमानत, कहा– मुझे माननीय न्यायालय पर पूरा भरोसा था… न्याय की जीत हुई, साजिश बेनकाब हुई — प्रियदर्शना सिंह …खगड़िया में अब जलन की राजनीति होने लगी है — ज्योतिष मिश्रा
- शिक्षक नेता मनीष कुमार सिंह को मिली जमानत, कहा– मुझे माननीय न्यायालय पर पूरा भरोसा था...
- न्याय की जीत हुई, साजिश बेनकाब हुई — प्रियदर्शना सिंह …
- खगड़िया में अब जलन की राजनीति होने लगी है — ज्योतिष मिश्रा
खगड़िया/ कौशी एक्सप्रेस/ आज सोमवार को जिले की राजनीति और सामाजिक हलकों में बड़ी हलचल देखने को मिली, जब चर्चित शिक्षक नेता मनीष कुमार सिंह को माननीय न्यायालय से जमानत मिल गई।
गौरतलब है कि जिले में लगातार व्याप्त लूट, भ्रष्टाचार और अफसरशाही के खिलाफ मुखर रहने वाले मनीष कुमार सिंह सोमवार को जमानत मिलने के बाद सन्हौली दुर्गा मंदिर पहुंचे जहां उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि “मुझे पहले से ही माननीय न्यायालय पर पूरा भरोसा था। सच्चाई को ज्यादा दिन तक दबाया नहीं जा सकता। मुझे झूठे मुकदमे में फंसा कर मेरी आवाज को दबाने की भरपूर कोशिश की गई थी, लेकिन अंततः न्याय की जीत हुई है। मैं इसके लिए माननीय न्यायालय का हृदय से आभार प्रकट करता हूँ।”
उन्होंने आगे कहा कि खगड़िया की जनता के साथ मिलकर मैं भ्रष्टाचार और अफसरशाही के खिलाफ अपनी लड़ाई और मजबूती से जारी रखूंगा।
वहीं जिला परिषद सदस्य प्रियदर्शना सिंह ने भी कहा कि मनीष कुमार सिंह जी को एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत फर्जी मुकदमे में फंसाया गया। यह प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े करता है। क्या सच बोलने और जनता की आवाज उठाने की यही सजा है?” आगे उन्होंने कहा कि–”हम माननीय न्यायालय के आभारी हैं जिन्होंने सच्चाई को पहचानते हुए न्याय दिया। खगड़िया की जनता यह देख रही है कि कौन सच के साथ खड़ा है और कौन षड्यंत्र में शामिल है।”
नगर सभापति प्रतिनिधि ज्योतिष मिश्रा ने कहा कि खगड़िया में अब जलन की राजनीति होने लगी है। कुछ लोग विकास कार्यों से तुलना नहीं कर पाने के कारण वो झूठे और फर्जी मुकदमे में फंसाने की राजनीति करने लगे हैं, उन लोगों को विकास के कार्यों से प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए, ताकि जिले का सम्पूर्ण विकास हो सके।
जिले में खुशी की लहर
व्यवहार न्यायालय खगड़िया से जमानत मिलने के बाद खगड़िया में मनीष कुमार सिंह के समर्थकों और शुभचिंतकों में खुशी की लहर दौड़ गई। लोगों का कहना है कि यह न्याय की जीत है और अन्याय पर करारा प्रहार।
नोट- प्रसारित समाचार की जिम्मेवारी प्रेस की नहीं है तथा विज्ञापनों की प्रामाणिकता से प्रेस का कोई सबंध नहीं है – संपादक
*




