17 अगस्त को श्री कृष्णा मेमोरियल हॉल में ब्रह्मर्षि स्वाभिमान सम्मलेन का होगा आयोजन… श्री कृष्ण बाबु को मिले भारत रत्न: डॉ संजीव कुमार 

17 अगस्त को श्री कृष्णा मेमोरियल हॉल में ब्रह्मर्षि स्वाभिमान सम्मलेन का होगा आयोजन…
श्री कृष्ण बाबु को मिले भारत रत्न: डॉ संजीव कुमार , विधायक

पटना/ कौशी एक्सप्रेस/  आज 27 जुलाई 2025 को  श्री कृष्ण बाबु को भारत रत्न, बिहटा एअरपोर्ट का नाम बदलकर स्वामी सहजानंद के नाम पर करने सहित अन्य मांगों को लेकर परबत्ता के विधायक डॉ संजीव कुमार ने आगामी 17 अगस्त को श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में ब्रह्मर्षि स्वाभिमान सम्मलेन का आयोजन होने की बात बताई है। ‘ब्रह्मर्षि स्वाभिमान सम्मलेन’* का आयोजन आगामी 17 अगस्त पटना के डॉ श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में किया जा रहा है। सम्मलेन में देश भर से ब्रह्मर्षि समाज के लोग और ब्रह्मर्षि विचारधारा के साथ रहने वाले लोग जुटेंगे। सम्मलेन में प्रदेश के साथ में देश में ब्रह्मर्षियों की स्थिति पर विचार किया जाएगा साथ ही हमारे समाज के नायकों को राष्ट्रीय स्तर पर उचित सम्मान दिलाने के लिए क्या रणनीति अपनाई जाए इस पर विचार किया जाएगा.
सम्मलेन में निम्नलिखित मुद्दो पर विशेषरूप से चर्चा की जाएगी –
1)  बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ श्री कृष्ण सिंह को भारत रत्न देने का प्रस्ताव बिहार सरकार, केंद्र सरकार को भेजे।*
आधुनिक बिहार के शिल्पकार के रूप में प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री बिहार केसरी डॉ श्री कृष्ण सिंह का योगदान अतुलनीय है। संयुक्त बिहार में उद्योग का जाल बिछाने से लेकर बीआईटी सिंदरी और नेतरहाट स्कूल जैसे विश्वस्तरीय शैक्षणिक संस्थान बिहार में उन्हीं के द्वारा शुरू किया गया। पूरे देश में बिहार पहला राज्य है जहां सबसे पहले जमींदारी प्रथा को शासकीय स्तर पर समाप्त किया गया था। समतामूलक समाज के निर्माण के लिए उठाय़ा गया यह क्रांतिकारी कदम श्री बाबू के ही मुख्यमंत्रित्व काल में ही संभव हुआ था।
दलित समाज के साथियों को मंदिर में ससम्मान प्रवेश मिले इसके लिए श्री बाबू ने अपनों का आक्रोश झेलते हुए भगवान शंकर को समर्पित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक देवघऱ में दलितो का प्रवेश सुनिश्चित कराया। ऐसे महान विभूती को देश का सर्वोच्च नागिरक सम्मान भारत रत्न मिले इसका प्रस्ताव अविलंब बिहार सरकार केंद्र सरकार को भेजे.

2) बिहार के लिए और खासकर पटना के लिए यह गौरव की बात है कि यहां एक नया अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट शुरू होने जा रहा है। हमारी मांग है कि  देश के सबसे बड़े किसान नेता स्वामी सहजानंद सरस्वती के नाम पर बिहटा एयरपोर्ट का नामाकरण हो। बिहटा स्वामी सहजानंद सरस्वती जी की कर्मस्थली रही है। आजादी की लड़ाई के नायक, किसान और मजदूरों के उद्धारक स्वामी जी नाम पर बिहटा एयरपोर्ट का नाम कर के देश स्वामी जी के प्रति अपनी कृतज्ञता जाहिर करे। आजादी के अमृतकाल में देश के महानायकों में से एक किसान नेता, स्वामी जी को इससे बेहतर श्रद्धांजलि नहीं दी सकती है।

(3) 2023 में बिहार सरकार द्वारा कराये गये जातिय सर्वे/जनगणना में बिहार के चार हिन्दू सवर्ण जातियों में से एक भूमिहार ब्राह्मण / बाभन को बिना किसी विमर्ष के भूमिहार घोषित किया गया। ध्यातव्य है कि सरकारें ना तो जाति का निर्माण करती हैं और ना ही नामकरण करती है। तमाम पौराणिक साहित्य के साथ प्रशासनिक अभिलेख में इस जाति का नाम भूमिहार ब्राह्म्ण / बाभन अंकित है। हम अनादि काल से स्वयं को अयाचक सह आयुधजीवि ब्राह्मण मानते रहे हैं। सम्मलेन में इस बात पर भी चिंतन होगा कि होने वाले जातिय जनगणना में बिहार सरकार की गलती की पुनरावृति ना हो।

(4) बिहार सरकार के आधे से अधिक शैक्षणिक संस्थान का निर्माण भूमिहार ब्राह्मण के पूर्वजों के द्वारा दान दी गई जमीन पर हुआ है। पहले उन संस्थानों के नाम के साथ दानकर्ता का नाम भी अंकित होता था। लेकिन एक सोची समझी राजनीति के तहत पूर्वजों के इस यश को बिहार सरकार मिटाना चाहती है। उदाहरण के तौर पर बेतिया स्थित महारानी जानकी कुंवर मेडिकल कालेज से महारानी जानकी कुंवर जी का नाम विलोपित कर दिया गया है। सरकार को एसे कुकृत्य से कैसे रोका जाए, इसपर भी आयोजन में, विचार प्रस्तावित है।

(5) हम वर्तमान सरकार से मांग करते हैं कि जिस प्रकार देश के अनेक राज्यों में आर्थिक आधार पर पिछडें लोगों के लिए सरकारी सेवा में प्रवेश हेतु आयु सीमा के साथ ही प्रयास (attempt) में भी में छूट दी गई है, ठीक उसी तरह बिहार में सरकार ईड्बल्यूएस कैटेगरी के छात्रों को छूट दे। साथ ही जैसे बिहार सरकार दलित और पिछड़े वर्ग के छात्रों के लिए अलग से हॉस्टल बनवाती है, ठीक वैसे ही ईड्बल्यूएस कैटेगरी के छात्रों के लिए भी सभी सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में अलग से छात्रावास की व्यवस्था हो। ब्रह्मऋषि स्वाभिमान सम्मेलन की ये औपचारिक घोषणा डॉ संजीव कुमार (विधायक – परबत्ता, खगड़िया) ने की। इस अवसर पर अंकित चन्द्रायण, सतीश कुमार मोनी, पंकज कुमार तथा मेनका रमण, मुकुंद कुमार ,बांडिल सिंह,विकाश सिंह एवं अशोक कुमार सिंह भी उपस्थित रहे।

 

नोट- प्रसारित समाचार की जिम्मेवारी प्रेस की नहीं है तथा विज्ञापनों की प्रामाणिकता से प्रेस का कोई सबंध नहीं है – संपादक
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