
देश भर में जाति आधारित जनगणना कराने का फैसला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लम्बे संघर्ष का प्रतिफल है – अनुराधा कुशवाहा
देश भर में जाति आधारित जनगणना कराने का फैसला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लम्बे संघर्ष का प्रतिफल है – अनुराधा कुशवाहा
खगड़िया/ कौशी एक्सप्रेस/ जदयू प्रदेश सलाहकार समिति की सदस्या अनुराधा कुमारी कुशवाहा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि पिछड़ा, अति पिछड़ा, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति सहित अन्य सवर्ण गरीब परिवारों को आर्थिक रूप से मजबूती प्रदान कर समाज के मुख्य धारा में प्रमुखता के साथ लाने हेतु समता समानता और सामाजिक न्याय व्यवस्था स्थापित करने हेतु समाजवादी नेताओं के समुह में एक हमारे जदयू के सर्वमान्य नेता और बिहार के लोकप्रिय यशस्वी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी थे , जिन्होंने वर्ष 1990 से ही दृढ़ संकल्प के साथ संघर्ष करते रहे हैं। इस संकल्प को पूरा करने के लिए सीएम नीतीश कुमार ने देशभर में जाति आधारित जनगणना कराने की आवाज उठाते रहे। जदयू नेत्री अनुराधा कुमारी ने कहा कि आज यशस्वी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के लंबे संघर्ष का प्रतिफल है कि आज केन्द्रीय एनडीए सरकार के द्वारा पूरे देश में जाति आधारित जनगणना कराने का फैसला लिया गया है। यूं तो देश के इकलौते राज्य बिहार है जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस फैसले से पहले ही जाति आधारित गणना करा चुके हैं, जो देशभर के लिए आज मिसाल बन गया है।
उन्होंने विपक्षियों पर वार करते हुए कहा कि राजद और कांग्रेस का राजनीतिक मंशा सिर्फ परिवार को आगे बढ़ाना है ना कि पिछड़े, अतिपिछड़ों अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जाति, जनजाति व अन्य सभी गरीबों को। बिहार वासियों को राजद – कांग्रेस से सचेत रहने की जरूरत है। क्योंकि इन पार्टियों में जाति आधारित जनगणना कराने और राज्य व देश के विकास में कोई अभिरुचि नहीं है। यही कारण है कि आजादी के बाद से केन्द्र में लम्बे समय तक कांग्रेस की सरकार रही पर देश में जाति आधारित जनगणना नहीं करा सकी।साथ ही कांग्रेस ओबीसी -इबीसी के उत्थान के लिए आरक्षण का दायरा भी नहीं बढ़ा सकी। कांग्रेस हुकूमत ने तो “सौ में नब्बे शोषित है, शोषितों ने ललकारा है।धन धरती और राजपाट में नब्बे भाग हमारा है।।” का नारा बुलंद करने वाले बिहार लेलिन जगदेव बाबू तक को शहीद कर दी। कांग्रेस सदैव ओबीसी को हीन भावना से देखी है। जिन्हें जाति आधारित जनगणना कराने की घोषणा पर छुरछूरिया पटाखे छोड़ने में लज्जा नहीं आती है।शर्म करनी चाहिए कांग्रेस को।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार का जाति आधारित जनगणना कराने का घोषणा सामाजिक न्याय के पुरोधाओं के लिए सच्ची श्रद्धांजलि है। आजादी के बाद पहली बार मोदी सरकार ने जाति आधारित जनगणना कराने का फैसला लिया है, जो ऐतिहासिक फैसला है।
श्रीमती कुशवाहा ने कहा कि आज जाति आधारित जनगणना होने से पूरे देश भर में पिछड़ा, अतिपिछड़ा, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य स्वर्ण गरीब वर्गों की संख्या सामने आ जाएगी और उनके आबादी के मुताबिक सामाजिक राजनीतिक सहित सरकारी सेवाओं में आरक्षण निर्धारित कर हिस्सेदारी सुनिश्चित की जाएगी। तभी बाबा साहब डॉ अंबेडकर, गांधी, जेपी, लोहिया, बिहार लेलिन शहिद जगदेव प्रसाद और कर्पूरी ठाकुर जी का सपना साकार होगा। साथ ही देश में समता- समानता के साथ सामाजिक न्याय का झंडा बुलंद होगा।
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