कलावती देवी के सुर हुए मौन, क्षेत्र ने खोई अपनी अमूल्य धरोहर : शास्त्री 

कलावती देवी के सुर हुए मौन, क्षेत्र ने खोई अपनी अमूल्य धरोहर : शास्त्री 

खगड़िया/ कौशी एक्सप्रेस/ सदर प्रखंड के रहीमपुर मध्य पंचायत के ग्राम नन्हकू मंडल टोला की सामाजिक चेतना की ध्वजवाहक, स्वर कोकिला और समाजसेविका कलावती देवी अब इस दुनिया में नहीं रहीं। सेवा-निवृत पंचायत सचिव उपेन्द्र पासवान एवं शिक्षक धर्मेंद्र पासवान की माता कलावती देवी के आकस्मिक निधन ने पूरे इलाके को शोकाकुल कर दिया। गांव के छोटे-बड़े हर आयोजन में अपनी सुरमयी आवाज से रौनक भर देने वाली कलावती देवी को लोग “गांव की स्वर साधिका” के नाम से जानते थे। विवाह, मुंडन अथवा किसी भी सांस्कृतिक अवसर पर उनकी मधुर स्वर-सरिता वातावरण को अलौकिक बना देती थी। स्थानीय पूर्व मुखिया प्रतिनिधि सह कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष कुमार भानु प्रताप उर्फ गुड्डू पासवान तथा प्रिंसिपल डॉ. अमित कुमार ने कहा कि कलावती देवी का जाना सामाजिक जीवन में अपूरणीय क्षति है। उनकी गायन कला गांव की साझी संस्कृति और मेल-जोल की प्रतीक थी। वहीं जदयू जिला प्रवक्ता सह समाजसेवी आचार्य राकेश पासवान शास्त्री ने गहरी संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि बड़ी माता कलावती देवी का अंगिका लोकगायन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत रहेगा। उनकी पवित्र कृति जीवंतता का उदाहरण बनी रहेगी। उनके निधन पर संजय पासवान (अधिवक्ता), परमानंद पासवान (सेवा-निवृत दरोगा, बीएमपी), जयजयराम पासवान (सेवा-निवृत इंस्पेक्टर), पूर्व मुखिया रीना कुमारी, पूर्व मुखिया मक्खन साह, पंसस आंवला देवी, शशि भूषण शर्मा, शिक्षक अग्निदेव पासवान, सच्चिदानंद शर्मा, रघुवंश यादव, शिक्षक जीवन शर्मा, अंकेश कुमार, डॉ. रंजन साह, शिक्षक वशिष्ठ पोद्दार, सज्जन पोद्दार, सरोज पासवान, अजीत कुमार उर्फ रामकली तथा शिक्षक राजीव कुमार समेत अनेकों प्रबुद्धजनों ने गहरा शोक प्रकट किया।

गांव का हर वर्ग आज शोकाकुल है और एक स्वर में यही कह रहा है कि कलावती देवी की मधुर तान और उनकी सेवा-भावना हमारे दिलों में हमेशा जीवित रहेगी।

नोट- प्रसारित समाचार की जिम्मेवारी प्रेस की नहीं है तथा विज्ञापनों की प्रामाणिकता से प्रेस का कोई सबंध नहीं है – संपादक
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